Savita Singh (सविता सिंह)
कविता का जीवन
Язык: хинди
Переводы:
немецкий (Das Leben der Dichtung / der Gedichte)
कविता का जीवन
मुझसे भी जटिल जीवन जियेंगी मेरी कविताएँ
सोयी रहेंगी कोई सौ साल
कोई उससे भी ज्यादा
जागेंगी खोलेंगी आँखे जब
कई-कई बसंत आ और जा चुके होंगे
जाने कितनी ही बार खिल चुके होंगे रातरानी और गुलाब
कितनी ही बार उपकृत हो चुकी होगी पृथ्वी
उनकी अलौकिक सुगंध से
कितने संबंध बन और बिगड चुके होंगे
आ-जा चुके होंगे कितने ही राजा रानी
ध्वस्त हो चुके होंगे उनके राज-पाट
इतने वर्षों के बाद भी मेरी कविताएँ अचंभित नहीं होगी
तब भी उन्हें यह संसार अनुपम ही लगेगा अपनी क्रूरता में
तब भी वे ढूँढेंगी प्रेम और सहिष्णुता ही इस संसार में